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ईश्वर से मेरी प्रार्थना ( भगवान + खुद़ा + परमेश्वर + वाहे गुरु = ईश्वर* )

( भगवान + खुद़ा + परमेश्वर + वाहे गुरु = ईश्वर* ) ईश्वर से मेरी प्रार्थना है ईश्वर ..... अब मुझे कोई मंज़िल की तलाश नहीं , ना ही भुक है मुझे शानों - शौक़त की ! बस इतना सा मुझसे हो जाये की जो कोई मिले इस सफ़र मैं - " मुझसे " , की दिल मे थोरी जगह मिले जाये उससे ! कोई ग़लती से भी गलती ना हो ऐसी मुझसे, की कभी किसी को ठेस पहुँचे जिससे!! है ईश्वर.... आपका हाथ रखे रखो मुझ पर सदा ऐसे ही और इस सफर मे मार्गदर्शन करते रहो मेरा वैसे ही ,  देखना तेरे रहते सुरज की रोशनी को  अपनी आँखो मे ना उतार लु तो कहना, उन सितारों की भीड़ मे सबसे अलग  अपनी जगह ना बना लू तो कहना !! हो मुझमे ईतनी हैसियत की किसी की जरुरत मे सहरा बनु सकु, करे मुझसे उम्मीद अगर अपने तो बस उनकी उम्मिदो पर खरा उतर सकु,  और आप जानते ही है मैं तो एक छोटा आदमी हु, युवा हु - स्वाभीमानी हु, तभी इस भीड में अकेला हु, यकिनन तकलिफे भी बहुत सी हे राह मे थोड़ा भटका हुआ सा भी हु अन्धेरों में, दुख - दर्द का एहसास भी है मुझे, मगर साथ मेरे तुझ से मिला वह होसला भी है  और धेर्य की वही दोलत भी है,...